Wednesday, September 12, 2012

Na tum Muskurati.....





  तुम  मुस्कुराती    यह  बात  होती
  मौसम  बदलता    यह बरसात  होती |


 ख्वाबों   में  तस्वीर  तेरा  लिए  फिरते,
  बागों   में  खुशबू  यूँ  एफरात  होती |


  मंज़र  तेरा  नज़र  पे  छाया  होता,
 शब् पे छाई  यूँ  चान्दिनी  रात  होती |


  तुम  मुस्कुराते    यह  बात  होती.
  मौसम  बदलता यह  बरसात  होती


 तड़प  कोई  होता    बेचैनी  कोई  होती,
 जेहनो--दिल  में  बेबस  तासिरात  होती |

 हम  राह  तकते    हम  सोचा  करते,
 बे-वजेह  कोई  ऐसी  मुलाक़ात  होती |

 आरज़ू  पनपते    होसलों  में  माद्दा   होता,
 बेरंग ज़िन्दगी  में  हसरते  बेहिसाब   होती  |

  तुम  मुस्कुराते    यह  बात  होती.
  मौसम  बदलता यह  बरसात  होती |

  तुम  यूँ  शरमाते   मई  हैरान  होता,
 हवा  रुख  बदलती,  मौसम  बेईमान  होता | 

 रगों  में  एहसास  तेरा  मुझमे  यूँ  होता,
 खिज़ा  में  रंगत  यूँ  तेरी  यार  होती  |


 तरसते  तेरे  दीद  को,  गफलत  में  यूँ  होता,
 बदस्तूर  इस  दिल  में  कोई  फ़रियाद  होती |

  तुम  मुस्कुराते    यह  बात  होती.
  मौसम  बदलता यह  बरसात  होती |

---ooo---

प्रदीप
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तसिरात : ख्वाहिश , तम्मना 
माद्दा : हिम्मत 
गफलत : सम्मोहन
खिज़ा : वातावरण, मौसम 
दीद : दीदार 
बदस्तूर : निरंतर  , लगातार

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